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    उपायुक्त

    विद्या ददाति विनयं, विनयाद याति पात्रताम्। पात्रत्वात् धनमाप्रोति धनात् धर्मं तत: सुखम्।। ज्ञान नम्रता देता है, नम्रता से पात्रता, पात्रता से धन, धन से धर्म और धर्म से सुख मिलता है। सभी स्तरों के हितधारकों को केन्द्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता की ओर से विनम्रतापूर्वक स्वागत है।